हल्द्वानी। जहां 108 को जीवनदायिनी माना जाता है राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही 108 सेवा जिसमें एक ड्राइवर और एक स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ होता है जिसका काम है कि मरीज को एंबुलेंस के अंदर प्राथमिकता देना लेकिन एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है जिसमें सितारगंज से 30 वर्षीय महिला को 108 की मदद से राजकीय सुशीला तिवारी चिकित्सालय लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया वहीं डॉक्टरों ने आरोप लगाते हुए बताया की 108 के अंदर ना तो मरीज को कोई ड्रिप लगाई गई और ना ही सीपीआर दिया गया जिससे मरीज की मौत हो गई। हमारे पास मृत अवस्था में मरीज लाया गया। 30 वर्षीय महिला जिसे सितारगंज में हुए एक्सीडेंट के चलते 108 की मदद से हल्द्वानी लाया गया जहां रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई वही इस बारे में जब 108 कर्मचारी से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना फिर मरीज को केवल ऑक्सीजन देने की बात कही। डॉक्टर ने बताया कि 108 के अंदर मरीज को प्राथमिकता के आधार पर उपचार दिया जाता है उसके बाद से नजदीक चिकित्सालय ले जाया जाता है लेकिन इस महिला के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ आप आप समझ सकते हैं कितनी बड़ी बात है कि 108 के कारण एक महिला की मौत हो गई।
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