केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए नौसेना, थलसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ नामक योजना को मंगलवार को मंजूरी दी. इस योजना के तहत सैनिकों की भर्ती 4 साल की अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार की इस योजना पर कड़ी आपत्ति जताई है. राजनीति में आने से पहले अमरिंदर सिंह सिख रेजिमेंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनके परिवार के कई सदस्य सेना में शामिल रहे हैं. अखिल भारतीय ऑल क्लास पद्धति के तहत सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह एकल वर्ग रेजिमेंट जैसे सिख, सिख लाइट इन्फैंट्री, गोरखा राइफल्स, राजपूत रेजिमेंट, जाट रेजिमेंट के लिए मौत की घंटी बजाने जैसा है. इससे उन कई रेजींमेंट की संरचना में बदलाव आएगा, जो विशिष्ट क्षेत्रों से भर्ती करने के अलावा राजपूतों, जाटों और सिखों जैसे समुदायों के युवाओं की भर्ती करती हैं.
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